नीतू देवी की कहानी

मखदुमपुर, दानापुर, खगौल, पटना की रहने वाली नीतू देवी, राकेश कुमार की पत्नी हैं। उनकी कहानी संघर्ष, सीख और सफलता की मिसाल है। नीतू देवी कई वर्षों से अंबपाली, पटना से जुड़ी हुई हैं। शुरुआत में, उन्हें एप्लिक कारीगरी (Applique Craft) के बारे में कुछ भी नहीं पता था, लेकिन अंबपाली पटना से जुड़ने के बाद उन्होंने इस कला के कई पहलू सीखे और एक निपुण कलाकार बन गईं।

नीतू देवी का जीवन साधारण था। वह अपने परिवार की देखभाल में व्यस्त रहती थीं और घर के काम-काज में हाथ बंटाती थीं। उनके पति राकेश कुमार एक मेहनती व्यक्ति थे, जो अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते थे। नीतू देवी भी अपने पति की मदद करना चाहती थीं और कुछ नया सीखना चाहती थीं।

एक दिन, गांव की एक महिला ने नीतू देवी को अंबपाली पटना के बारे में बताया, जहां महिलाओं को विभिन्न हस्तकला के कौशल सिखाए जाते हैं। नीतू देवी ने इसमें भाग लेने का निर्णय लिया। शुरुआत में, उन्हें एप्लिक कारीगरी के बारे में कुछ भी समझ में नहीं आता था, लेकिन अंबपाली के प्रशिक्षकों की मदद से उन्होंने धीरे-धीरे इस कला के विभिन्न तकनीकों को सीखा।

नीतू देवी की मेहनत और समर्पण ने उन्हें एक कुशल कलाकार बना दिया। उन्होंने विभिन्न डिजाइनों और तकनीकों को सीखा और अपने बनाए हुए उत्पादों को स्थानीय बाजार में बेचना शुरू किया। उनके द्वारा बनाई गई रंग-बिरंगी चादरें, तकियों के कवर, और दीवार सजाने वाली कलाकृतियाँ लोगों को बहुत पसंद आईं। धीरे-धीरे, उनकी मेहनत रंग लाई और उनकी बनाई हुई चीजें बाजार में लोकप्रिय होने लगीं।

अंबपाली पटना से जुड़े रहने के दौरान, नीतू देवी ने न केवल अपने कौशल को निखारा बल्कि अन्य महिलाओं को भी इस कला में प्रशिक्षित किया। उन्होंने अपने गांव की महिलाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनीं और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया। उनकी इस यात्रा ने न केवल उनके परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारा बल्कि उनके गांव की महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने का मार्ग दिखाया।

आज, नीतू देवी अंबपाली पटना की एक प्रमुख सदस्य हैं और उनकी कला के कारण उन्हें समाज में एक खास पहचान मिली है। उनकी कहानी संघर्ष और सफलता की प्रेरणादायक गाथा है, जो यह साबित करती है कि सच्ची मेहनत और समर्पण से कोई भी अपने सपनों को साकार कर सकता है। नीतू देवी ने न केवल अपने जीवन को बेहतर बनाया बल्कि अपने गांव की अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने में सहायता की। उनकी कहानी हर उस महिला के लिए प्रेरणास्त्रोत है जो अपने जीवन में कुछ नया सीखना और करना चाहती है।